Monday, February 5, 2018
अब गौमूत्र का उपयोग घातक बीमारियों के इलाज में करेगी उत्तर प्रदेश सरकार
फर्श क्लीनर बनाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार अब गौमूत्र से दवाएं बनाने की तयारी में लग गई है । आयुर्वेद विभाग के निदेशक आर आर चौधरी ने बताया कि उनके विभाग ने गौमूत्र का प्रयोग करके ८ दवाएं बनाई हैं, जो लीवर के रोग, जोडों के दर्द व रोग प्रतिरोधक दवाएं बनाने में काम आएंगी । प्रदेश में आयुर्वेद विभाग की दो फार्मेसी हैं, एक पीलीभीत में दूसरी लखनऊ में । इन दोनों जगहों पर कुछ निजी इकाइयाें के साथ गौमूत्र, गाय के घी व दूध से दवाएं तैयार की जा रही हैं ।
प्रदेश में बांदा, झांसी, मुज़फ्फरनगर, इलाहाबाद, वाराणसी, बरेली, लखनऊ व पीलीभीत में कुल ८ मेडिकल कॉलेज हैं । इन मेडिकल कॉलेजों में गोमूत्र व गाय के अन्य उत्पादों से बनी दवाइयां सप्लाई की जाती हैं ।
श्री चौधरी ने बताया कि गौमूत्र आयुर्वेद का महत्त्वपूर्ण अंग है । हमारा प्रयास है कि हम गौमूत्र व गाय से मिलने वाले अन्य उत्पादों जैसे घी, दूध इत्यादि का प्रयोग करके कई और तरह की दवाइयां बनाई जाएं ।
उन्होंने बताया कि इसमें समस्या ये है कि अभी तक प्रदेश में केवल दो फॉर्मेसी हैं, इसलिए अभी इन दवाओं का उत्पादन कम हो रहा है । हालांकि निजी क्षेत्र में कई कंपनियां गौमूत्र का प्रयोग करके दवाएं बनाने में लगी हैं, जो कि इन मेडिकल कॉलेजों को सप्लाई किया जाता है । विभाग अभी कुछ नई फॉर्मेसी खोलने वाला है और मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट व एमडी कार्यक्रम शुरू करेगा ।
स्त्रोत : न्युज १८